विश्व पर्यावरण दिवस 2023 , प्रमुख थीम , महत्व और परीक्षा उपयोगी तथ्य

 “पर्यावरण और अर्थव्यवस्था वास्तव में एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यदि हम पर्यावरण को नहीं बचा सकते हैं, तो हम स्वयं को नहीं बचा सकते।”

वंगारी मथाई (2004 नोबेल शांति पुरस्कार विजेता)

• हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

• इस दिवस का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य को चिह्नित करना है, जो दुनियाभर के लोगों के हित और आर्थिक विकास को प्रभावित करता है।

• विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने की घोषणा वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा हुई थी।

• पहला विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1973 में “केवल एक पृथ्वी” थीम के साथ मनाया गया था।

वर्ष 2023 की थीम और प्लास्टिक प्रदूषणः

• वर्ष 2023 के दिवस की थीम है- “प्लास्टिक प्रदूषण के उपाय “

दुनियाभर में हर वर्ष 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधा केवल एक बार उपयोग होता है।

इसमें से 10% से भी कम को रिसाइकिल किया जाता है।

• अनुमानित 19-23 मिलियन टन प्लास्टिक हर वर्ष झीलों, नदियों और समुद्रों में जमा होता है। माइक्रोप्लास्टिक्स (5 मिमी व्यास के छोटे प्लास्टिक कण) भोजन, पानी और हवा में जमा हो

जाते हैं।

• यह भी अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष 50,000 से अधिक प्लास्टिक कणों का उपभोग करता है।

2023 दिवस पर मेजबान देश :

प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी एक अलग देश द्वारा की जाती है।

इसी देश में दिवस से जुड़े आधिकारिक समारोह होते हैं। वर्ष 2023 के लिए मेजबान देश के रूप में ‘कोटे डी आइवर’ को चुना गया है।

• इस देश ने ‘पुन: प्रयोज्य’ (रियूजेबल) पैकेजिंग का समर्थन करते हुए वर्ष 2014 में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। जिसके सम्मान में इसे मेजबान देश होने की जिम्मेदारी मिली है।

• इस वर्ष दिवस समारोह में नीदरलैंड एक सहायक देश की भूमिका निभाएगा।

पर्यावरण संरक्षण हेतु भारत के प्रयास:

• संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNDEP) के अनुसार, यदि दुनियाभर में 8 अरब लोगों में से 1 व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार अपनाता है, तो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में 20% तक की कमी आ सकती है।

• भारत में प्रति व्यक्ति औसत कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत कार्बन फुटप्रिंट के 4.5 टन प्रति वर्ष के मुकाबले केवल 1.8 टन है।

• भारत के सभी गाँवों और शहरी स्थानीय निकायों के कम-से-कम 80% को वर्ष 2028 तक पर्यावरण के अनुकूल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

• “स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर” अभियान का लक्ष्य 75 दिनों में 75 समुद्र तटों से लगभग 15,000 टन कचरा हटाना था।

“स्वच्छ भारत मिशन” के तहत, ग्रामीण भारत में 7 वर्ष के अंदर 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।

• उज्ज्वला योजना ने एलपीजी कनेक्शन वाले परिवारों को वर्ष 2015 के 62% से बढ़ाकर 2021 में 99.8% कर दिया। वर्ष

LIFE मिशन:

• LIFE से आशय ‘पर्यावरण के लिए लाइफस्टाइल’ से है।

इस अवधारणा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में वर्ष 2021 ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क

कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज’ (UNFCCC COP26) में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किया था।

• यह अवधारणा सतत जीवन-शैली और प्रथाओं को अपनाने पर बल देती है।

• LIFE का उद्देश्य जलवायु से जुड़े सामाजिक मानदंडों को प्रभावित करने वाले सामाजिक नेटवर्क की सामर्थ्य का लाभ उठाना है।

• मिशन की योजना ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (P3) नामक व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और पोषित करने की है, जिनकी पर्यावरण के अनुकूल जीवन-शैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता होगी।

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